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लौकी का ही एक रूप |
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लौकी जिसे घीया भी कहते हैं |
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पेठा जिसकी मिठाई बनती है |
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पेठा से बनती है यह मिठाई |
खबरों में उलझे रहने, देर रात घर पहुंचने, कभी डांट और कभी तारीफ के बीच ऑफिस में शाम को 15 से 20 मिनट बहुत अच्छा गुजरता है। यह समय है जब हम पांच या छह लोग कैंटीन में डिनर के लिए जाते हैं। 'बड़ी खबरों वाला दिन' न हो तो इस दौरान हम लोग बहुत हल्के-फुल्के अंदाज में बात करते हैं। कोई दुखड़ा नहीं रोना। कोई 'निंदा रस' नहीं लेना। कभी घर के खाने की चर्चा तो कभी किसी की मजेदार टिप्पणी को याद
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और यह है फसाद का जड़ कद्दू |
कर हंसना। हमारे समाचार संपादक हरेश जी, हमारी इंचार्ज मीनाक्षी जी और अन्य साथी जतिंदरजीत, नरेंद्र और दिनेश होते हैं। पिछले कुछ दिनों से एक चर्चा रोचक हो चली है। चर्चा का विषय है, 'कद्दू, पेठा और घीया।' कुछ साथियों का कहना है कि कद्दू और पेठा एक ही है। कुछ इसे अलग-अलग बताते हैं। मैं भी अलग-अलग मानने वालों में हूं। फिर बात आयी देशज शब्दावली पर। पंजाब में लौकी नहीं सिर्फ घीया कहते हैं। ऐसे ही कद्दू को ही पेठा कहते हैं। बात जो भी हो, चर्चा है बड़ी रोचक। इसी दौरान मैंने कहा, 'लगता है सभी सब्जियों का एक-एक पीस (टुकड़ा नहीं, पूरा)' लेकर आऊंगा। हरेशजी बोले-'इनकी अलग-अलग सब्जी भी आपको बनवाकर लानी है और इस पर ब्लॉग भी लिखना है।' सब्जी कब बन पायेगी, यह तो मैं भी स्पष्ट नहीं बता पाऊंगा। लेकिन लिखना मेरे हाथ में था सो लिख दिया। कुछ फोटो भी इस पोस्ट के साथ अटैच कर रहा हूं। देखिये।
2 comments:
वाह सर वाह।
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