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Thursday, May 5, 2022

ज्योति की छवि, मधु मैडम और मदर्स डे

 डॉ. ज्योति अरोड़ा

मैं अपने छोटे मुख से कैसे करूं तेरा गुणगान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान


भाव यही हैं, शब्दों में बयां मैं कर रही हूं। बात कर रही हूं अपनी बच्ची छवि की। यह मौका है मां की फीलिंग को समझने का। मदर्स डे। यूं तो हर दिन मां का होता है, लेकिन इस हर पल हर दिन के संबंध को किसी एक दिवस के रूप में मनाने का मौका हो तो क्यों न इसे अनुभव किया जाये। मेरी बच्ची छवि अभी छोटी बच्ची है, जैसा कि कहते हैं न कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं, सचमुच उसी सच्चाई से घर से बाहर यानी स्कूल में मां जैसी टीचर मिलीं मधु। मधु मैडम को वह कितना प्यार करती है, इसका अंदाजा तब लगा जब उसकी क्लास बदल गई। टीचर बदल गई। स्कूल के ऐसे नियम शायद बच्चों के हित में ही बनते होंगे। जैसे कि ट्रांसफर के नियम। खैर, बच्ची हैै, परेशान हो गयी। उसके इस लगाव को देख अनायास ही चंद पंक्तियां निकल पड़ीं-



घर से स्कूल के लिए निकली नन्ही जान
छवि ने मधु मधुर में जैसे पा लिया अपना जहान
मुझे लगता मानो मिला हो खुशियों का आसमान
मदर्स डे पर दो-दो बधाइयां देती हूं
ये मेरी अरमानों की ज्योति और वो मधु सी मुस्कान।
मधु मैडम



नन्ही बिटिया छवि की जो भावनाओं को समझ सकी, वो उपरोक्त चंद पंक्तियों की मानिंद ही है। पता नहीं क्या था कि उसमें स्कूल का खौफ नहीं था। निश्चित रूप से यह खौफ इसलिए नहीं था कि स्कूल का वातावरण बहुत शानदार था। लेकिन उससे भी ज्यादा इसलिए कि छवि को मां सरीखी टीचर मधु मिली थीं। वह कितनी तो बातें शेयर करतीं। जब इस टीचर से थोड़ी सी दूरी बन गयी तो वह टूट सी गयी। घर में मेरे साथ प्यार और मनुहार, लेकिन स्कूल में वह ढूंढ़ती रहती मधु सी दुलार। खैर जीवन चक्र में ऐसे बदलाव आते रहते हैं, लेकिन बच्ची की ओर से मदर्स डे पर दो-दो बधाइयां। मधु जी को बहुत-बहुत साधुवाद। आप यूं ही हंसते रहिए, मुस्कुराते रहिए।
कुछ पंक्तियां पेश हैं, इन भावनाओं के समान में

घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरों पर हो गई खड़ी
तेरी ममता की छाँव में, जाने कब होने लगी बड़ी
 काले टीके के साथ, टीकों का रखा ध्यान
तेरे लाड़ को मां कोटि कोटि सम्मान
खाना पीना और दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
माँ प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधा-साधा, भोला-भाला,
मैं ही सबसे अच्छी हूूं
कितना भी हो जाऊं बड़ी,
मैं तो तेरी बच्ची हूं।


हम बड़े हुए तो क्या हुआ। मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हो तो बच्चों की बातों के जरिए ही सही। 
मधु मैडम का मधुर प्यार आज बना भावुक अंदाज
ज्योति की ऐसी छवि बनी कौन खुश और नाराज।
धन्यवाद।

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