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Thursday, December 6, 2018

ऑस्ट्रेलिया बस गये पंजाबी युवक ने किसानों के लिए शुरू की कई याेजनाएं

पशुओं की ब्रीडिंग का समय कब है। किसानों को कहां उचित मूल्य मिलेगा। दूध कितना शुद्ध है। ऐसी ही तमाम बातें अगर एप के जरिये मिल जाये या फिर कॉलेज से निकले बच्चे ये सब बताएं तो कैसा रहेगा। निश्चित रूप से यह एक नयी पहल होगी। ऐसा ही हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में हो रहा है और इसका विस्तार पहले हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड फिर अन्य राज्यों में होगा। इस संबंध में 8 राज्यों में 11 हजार बच्चों के जरिये उदय एवं मू फार्म कार्यक्रम चला रहे परम सिंह ने बताया कि राह में कई चुनौतियां हैं, लेकिन निकल पड़े हैं तो इसके सकारात्मक परिणाम निकल रहे हैं। केंद्र सरकार के स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत चला रहे इस कार्यक्रम के संबंध में परम बताते हैं कि वह 11 क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रम चला रहे हैं जिसमें 45 तरह की नौकरियों की संभावनाएं हैं। इनमें खेतीबाड़ी, दुग्ध उत्पाद एवं भवन निर्माण शामिल है। उन्होंने बताया कि पंजाब के संगरूर, मानसा आदि में डेयरी बिजनेस के तहत ऐसे कदम उठाये गए हैं जिससे किसानों की लागत में कमी आई है। मूलरूप से पंजाब निवासी और अब ऑस्ट्रेलिया में बस चुके परम ने चंडीगढ़ में बताया कि वह मूफार्म एप के जरिये पहले उन किसानों को जोड़ रहे हैं जिनके पास दो से पांच तक गायें हैं। अब वह जल्दी ही हरियाणा के कुरुक्षेत्र, सोनीपत, पानीपत आदि इलाकों में भी मंडी विपणन सहित कई कार्यक्रम चलाएंगे। उनका दावा है कि वर्ष 2020 तक वह अपने विभिन्न माध्यमों से दो लाख किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। उनका कहना है कि दूध की शुद्धता नापने के लिए भी उन्होंने 'द कलर ऑफ मिल्क' अभियान चलाया है। इसके तहत वह दूध कितना सफेद यानी शुद्ध है के संबंध में प्रशिक्षण देंगे। परम का मानना है कि हमारे पशु स्वस्थ रहेंगे तो दूध अच्छा होगा। इसके लिए जानकारी के साथ-साथ साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। कब क्या खिलाना है, क्या ध्यान रखना है इसकी जानकारी किसानों को एप के जरिये मिल जाएगी।

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