केवल तिवारी
मेरे इस बार के जन्मदिन (18 जुलाई 2024) के कुछ दिन बाद और बेटे कुक्कू यानी कार्तिक के जन्मदिन (27 जुलाई) से कुछ दिन पहले का वाकया है। बेटा माइक्रोसॉफ्ट में इंटर्नशिप करके लौटा था। रंग में भंग थोड़ा सा इसलिए पड़ा था कि मेरे पैर में प्लास्टर चढ़ा था, लेकिन मेरी उत्सुकता इस कदर थी कि मैं फिर भी एयरपोर्ट गया। खैर... उस रात हमेशा की तरह मैं करीब साढ़े ग्यारह बजे घर पहुंचा। भावना, कुक्कू और धवल सभी जगे हुए थे। मैं हाथ-पैर धोकर सभी से बातचीत करने लगा तो भावना ने कहा कि कुक्कू तुम्हारे बर्थडे का गिफ्ट चॉकलेट लेकर आया है। धवल भी बोला, हां पापा दो चॉकलेट हैं। कुक्कू हमेशा की तरह हल्का मुस्कुराया। गिफ्ट चूंकि उसी की ओर से था तो मैंने कहा कि चॉकलेट तो मैं खाता ही नहीं, लेकिन चलो शुक्रिया। वह बोला- आप खोलो हम खा लेंगे। मैंने रैपर खोला तो उसमें पहले चार्जर निकला फिर एक फोन। सैमसंग m35 5G. मैं अवाक रह गया। ये क्या? कुछ पल भावुक हुआ फिर बोला, अभी मेरा फोन सही तो था क्यों मंगा लिया। कुक्कू बोला, कितना तो हैंग मारता है आपका फोन? एक कॉल लगाने में भी इंतजार करना पड़ता है। मेमोरी भी फुल है। मैं बहुत ही ज्यादा भावुक हो गया और बहुत खुश भी कि बच्चे अब ऐसी चिंता करने वाले हो गये हैं। फोन की कीमत तो नहीं बताऊंगा क्योंकि गिफ्ट तो गिफ्ट है, लेकिन मेरे हिसाब से बहुत महंगा है। इससे पहला फोन धवल ने कहीं से मिली पुरस्कार राशि से दिलाया था। मैं उठा कुछ बहाने से मंदिर वाले कमरे में गया और ईजा की तस्वीर की तरफ देखकर दो आंसू निकल आए। यह फोन ही नहीं, कुक्कू ने इंटर्नशिप के पैसे से एक मिक्सी, घर के कुछ अन्य सामान और कुछ अपने लिए भी लिया और एक कर्ज माफी का अमाउंट भी दिया। इसी के साथ मुझे भी बच्चों ने अगले कुछ दिनों के बीच सीख दी। अच्छा लगता है जब बच्चे कुछ समझाने की स्थिति में आ जाते हैं। तनाव नहीं लेने को कहते हैं। खान-पान अच्छा करने को कहते हैं। ईश्वर बच्चों को सही राह पर ले जाना, यही प्रार्थना है। खुश रहो बच्चो।
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