केवल तिवारी
बेटा आप आये, आईआईटीएन बनकर, गर्व से सिर ऊंचा हो गया।
जीवन अब आपका सुगम रहे, यही दुआ दिल से निकलती है।
कड़ी मेहनत के सतरंगी फल, आपने दिखाया अपना हुनर।
हर खुशियां मिले आपको, रोशन हो हर दीवार ओ दर।
पिछले दिनों ये चार पंक्तियां उस वक्त लिखीं, जब बेटे कार्तिक यानी कुक्कू को उसके कैंपस (आईआईटी, रोपड़) से लेने के लिए गया। चार-पांच दिन पहले से ही मेरे और कुक्कू की मम्मी भावना के मन में 'कुछ-कुछ हो रहा था।' ऐसा करेंगे, वैसा करेंगे। खाने में यह बना देंगे। इतने बजे चलेंगे। ये, वो... वगैरह-वगैरह सोचते-सोचते रामचरित मानस की कुछ पंक्तियां मन में अपनेआप आ रही थीं। किसी भी समय। भावना ने एक-दो बार कहा, जूठे मुंह तो मत कहो। फिर खुद को संयत किया। कल्पना कर रहा था कि तुलसीदास ने उस वक्त कितना अच्छा लिखा जब प्रसंग आता है कि हनुमान जी ने अंगूठी को उनके (सीताजी के) सामने गिराई। उसमें लिखा गया है, 'चकित चितव मुदरी पहिचानी। हरष बिषाद हृदय अकुलानी' उन्होंने अंगूठी को पहचान तो लिया, लेकिन वह खुशी और दुख से भर गयी हैं। आखिर यह अंगूठी यहां आ कैसे गयी। (जीति को सकइ अजय रघुराई। माया तें असि रचि नहिं जाई )
पूरी चौपाई इस तरह से है, 'तब देखी मुद्रिका मनोहर, राम नाम अंकित अति सुंदर। चकित चितव मुदरी पहचानी, हरष-विषाद हृदय अकुलानी।'
आज हम लोगों का भी हाल ऐसा ही था। विश्वास सा नहीं हो रहा था। लग रहा था कल की ही तो बात है, जब एजुकेशन लोन के लिए दो-तीन बैंकों में गया। कुक्कू के बीच वाले मामा शेखर जोशी जी घर आकर कुछ पैसे दे गये। फिर पता चला कि कुक्कू को एसबीआई से खुद ही ऑफर आया है और ब्याज भी चार साल का माफ होगा। कोरोना महामारी चरम पर थी। हॉस्टल जाने के सपने संजोये कुक्कू घर में ही अपने ट्रॉली बैग को लेकर घूमता और हंसता। हम लोगों के मन में भी कई चिंताएं थीं। जिसे हमने आजतक किसी दुकान तक में नहीं भेजा, वह हॉस्टल में कैसे एडजस्ट होगा। हालांकि यह अलग बात है कि दसवीं के बाद सरकारी स्कूल में दाखिला लेने से पहले जेईई परीक्षा फॉर्म भरने और बाद में एफेडेविट से लेकर अन्य फॉर्म भरने में उसी ने राह दिखाई। वह बताता और मैं साथ में चलकर औपचारिकताएं पूरी करता। आखिरकार वह दिन आ ही गया। उसने जेईई एडवांस क्लीयर किया। इसके बाद कभी किसी की सलाह कि लो ट्रेड में आईआईटी दिल्ली, मुंबई, रुड़की भेजो। कुछ ने सलाह दी कि कंप्यूटर साइंस ही दिलाओ चाहे जहां मिले। कुक्कू ने केवीपाई (किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना) परीक्षा भी पास की थी। इसका लाभ उसे कुछ आईआईटी में मिल रहा था। स्कॉलरशिप का भी लाभ मिल रहा था। लेकिन हमने फाइनल फैसला कुक्कू पर ही छोड़ दिया और वह आईआईटी रोपड़ का विद्यार्थी बन गया। फॅार्म भरते वक्त ईडब्ल्यूएस नहीं दिखा पाए जाहिर है उसका फायदा भी नहीं उठा पाए। खैर... कहानी और कहानियां बहुत लंबी हैं, इस वक्त कोशिश, सिर्फ उस वक्त की बात करने की।
कुक्कू को कैंपस से लाने की तैयारी में हम लोग थे और दरअसल, हम दोनों, ज्यादातर बातें फ्लैशबैक में कर रहे थे। कुक्कू की जब दसवीं में फेयरवेल पार्टी थी तो उसका दोस्तों के साथ घूमने जाने का प्रोग्राम था। मैंने मना कर दिया और उसे लेकर पहले फरीदाबाद फिर वृंदावन गया। कुक्कू कुछ देर मुझसे नाराज रहा। कभी भावना ने उसे पचास रुपये दिए कोचिंग आने-जाने के लिए, तो वह 30 रुपये बचा लाया। इसके लिए कुछ देर पैदल चल देता। ऐसी ही अनेक बातें। इन बातों को सुनकर छोटा बेटा धवल बहुत रस लेता। वह हम लोगों की बातों में अलग तरह का रस लेता और मजाक भी बनाता। खैर सबसे पहले यही आइडिया आया कि जिस दिन कुक्कू को लाएंगे, उसी शाम सुंदरकांड का पाठ करेंगे। 'प्रभु की कृपा भयउ सब काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू।' बेशक कुक्कू आईआईटीएन बनकर लौट रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से उसके स्वास्थ्य को लेकर हम चिंतित रहे। कई डॉक्टरों को दिखाया। ऑपरेशन की ही सलाह मिली। खैर...।
सोमवार 19 मई, 2025 की वह तारीख आ ही गयी। मैं, भावना, कुक्कू के मामा भास्कर (राजू) एवं मामी पिंकी सुबह करीब आठ बजे घर से चल दिए। कई दिनों से कुक्कू को ताकीद की जा रही थी कि सामान पैक करते रहना। नो ड्यूज सर्टिफिकेट ले लेना। जो भी औपचारिकताएं हों, उसे पूरी कर लेना। पूरी तरह आश्वस्त होकर हम लोग करीब साढ़े नौ बजे आईआईटी रोपड़ पहुंच गए। उस दिन पहली बार हुआ कि गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने कहा, सर बेटे से बात करा दो। मैंने इसका कारण पूछा तो बोला, आपने ही कहा न कि आज फाइनली लेने आ गए हैं, इसलिए पूछताछ जरूरी है। कुक्कू की छोटी मामी आज पहली बार कैंपस में आई थी। इसलिए हमने कारों में सामान रखकर पहले कैंपस घूमने की योजना बनाई। कुक्कू हमें चाय पिलाने ले गया। फिर अलग-अलग वैज्ञानिकों के नाम पर बने भवन दिखाए। मेस दिखाया, स्पोर्ट्स कैंपस और अन्य जगह भी हम लोग गये। इस दौरान कुछ फोटो और वीडियो भी तैयार होते रहे।
कैंपस में दोस्तों का मिलना और वह भवुक पल
कुक्कू का सामान हॉस्टल से बाहर लाने में उसके दो दोस्तों गोपाल और शशांक ने भी मदद की। उन्होंने हमें प्रणाम किया। फिर सामान रखवाया। जब वे जाने लगे तो मैंने कुछ फोटो लेने की गुजारिश की। उन लोगों ने फोटो खींचे और खिंचवाए। जब विदा होने की बारी आई तो कुक्कू बोला, 'पापा ये गोपाल है जिसे आपने रात को तंग किया था और ये शशांक है।' मैंने कहा ओह शशांक को भी तो मैं गाहे-ब-गाहे फोन कर दिया करता था। सॉरी बच्चो। दोनों एक साथ बोले, कोई बात नहीं अंकल। असल में एक बार कुक्कू दोस्तों के साथ मनाली, रोहतांग घूमने गया। शाम के समय इसका फोन आया कि ट्रैकिंग के दौरान मैं थोड़ा फिसल गया था... इसके बाद भी वह कुछ बोला, लेकिन नेटवर्क इश्यू के कारण फोन डिस कनेक्ट हो गया। मैं परेशान हो गया। रात में मैंने कई बार कुक्कू को फोन लगाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। मैंने उसके कई दोस्तों और कुछ सीनियर्स को फोनलगा दिया। सुबह तक बात तो नहीं हो पाई, लेकिन सबने आश्वस्त किया कि सभी साथ में हैं। सुबह कुक्कू का फोन आ गया। बोला, पापा आपने तो पूरी दुनिया में हल्ला मचा दिया। मैंने कहा तो था कि बैटरी खत्म है। हम लोग टेंट में रुके हैं। परेशान मत होना। मैंने ज्यादा सफाई नहीं दी। उसके बाद बात आई-गयी हो गयी। आज कुक्कू ने उस प्रसंग की याद दिलाई। हम सब लोग खूब हंसे। इस बात के बाद जब गोपाल और शशांक विदा होने लगे तो बोले, 'कार्तिक अब देखना रोएगा। कल तब सबको विदा कर रहा था, आज खुद विदा हो रहा है।' कुक्कू उनकी बात पर अपनी चिर परिचित अंदाज में मुस्कुरा दिया। हम कार में बैठे, उसके दोनों मित्र दूर तक वीडियो बनाते रहे। मैं अंदर ही अंदर अपने भावनाओं पर नियंत्रण की कोशिश करता रहा। भावना, पिंकी बैठे थे राजू की कार में, कुक्कू मेरे साथ था।
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अपनी तरह से हमने किया स्वागत, स्वस्थ रहो, सुखी रहो बच्चा
घर पहुंचकर हमने कुक्कू का स्वागत किया। मैंने कुछ सजावट की थी। एक-दो जगह लिखा था, 'Welcome Kartik' एक जगह मैंने लिखा, 'Welcome IITEAN Kartik' कुक्कू इस स्वागत को देखकर भावुक हुआ, खुश भी, साथ ही बोला कि आपने IITEAN गलत लिखा है, इसकी जगह IITIAN होना चाहिए। मैंने गलती स्वीकारी। उसकी मामी बोली, भावना को समझो। मैंने कहा, यह तो समझ ही रहा है, 24 साल से मैं भी समझने की कोशिश कर रहा हूं। पत्नी का नाम भावना आने पर सब हंस पड़े। राजू-पिंकी अपने भांजे के लिए खूबसूरत गिफ्ट लेकर आये थे। कुछ किताबें, एक लकड़ी के फ्रेम में बना फोटो। भावना फ्रीज से केक लेकर आ गयी। कुक्कू ने केक काटा। उसी समय मामी ने कुछ अच्छे गाने फोन पर बजाये। यहां बता दूं कि कुछ दिन से मैं एक सूफी गाना गुनगुना रहा था, जिसके बोले हैं, 'हे री सखी मंगल गाओ री, धरती अंबर सजाओ री, आज मेरे पिया घर आएंगे।' खैर इधर केके बंटता रहा, उधर मैं इस दौरान परिवार के सभी लोगों को कुछ फोटो-वीडियो भेजकर मैंने 'लिखा इंजीनियर कुक्कू घर आ गया।' दोपहर बाद मामा-मामी का बेटा भव्य और मेरा छोटा बेटा धवल भी स्कूल से आ गए। कुछ हंसी-मजाक चली। इसके बाद शीला बुआ, प्रेमा बुआ से कुक्कू की बात हुई। दोनों बुआ बेहद भावुक हैं। रोने लग गयीं। खुशी के आंसू। 'हरष विषाद हृदय अकुलानी।' परिवार के अन्य लोगों के बधाई संदेश आए। भागवान कुक्कू को प्रसन्न रखें, स्वस्थ रखें। यही दुआ है। अच्छा इंसान बने रहना बेटा। सभी परिवारीजनों से प्रेम अवश्य बनाए रखना। मित्र भले ही कम बनाना, लेकिन सच्चे मित्र बनना और बनाना। उपदेश तो हम आगे भी देते रहेंगे। कुक्कू को अब अगस्त में नौकरी ज्वाइन करनी है। बेंगलुरू यानी बैंगलोर जाएगा। उस शाम को हमने सुंदरकांड का पाठ किया। 'प्रभु की कृपा भयउ सब काजू। जन्म हमार सुफल भा आजू।' गरल सुधा रिपु करहिं मिताई, गोपद सिंधु अनल सितलाई।
रामचंद्र गुन बरनैं लागा। सुनतहिं सीता कर दुख भागा।
लागीं सुनैं श्रवन मन लाई। आदिहु तें सब कथा सुनाई।
जामवंत कह सुनु रघुराया। जा पर नाथ करहु तुम्ह दाया।
ताहि सदा सुभ कुसल निरंतर। सुर नर मुनि प्रसन्न ता ऊपर।
इन भावुक और गौरवान्वित पलों की कुछ तस्वीरें और वीडियो साझा कर रहा हूं। जय हो।
4 comments:
शीला दीदी ने लिखा Bahut badhiya yadgar pal mere kukoo ke liye aur Keval ki bhavnayen isliye ek Main chhupi Hui Hai bahut achcha Laga padhakar
भानजे गौरव ने लिखा,
[26/05, 01:44] Bhanja Gaurav New: यह हुनर कहाँ से लाते हो, कलम में कितनी ताकत है तुम्हारे
जो पढ़ने वाले को उस मंजर में ले जाते हो
और एहसास कराते हो कि वो भी वहीं कहीं खड़ा था
सब आँखों से ही देख रहा था।
यह जादू वाला हुनर कहाँ से लाते हो
अपने हर किस्से को इतनी गहराई से कैसे बता जाते हो।
यह जादू वाला हुनर कहाँ से लाते हो?
[26/05, 01:52] Bhanja Gaurav New: भांजा किसका हूँ 😍
लेकिन सही में मज़ा आता है मामा आपका लेख पढ़कर और सच में महसूस होता है जैसे मेरी आँखों के सामने हो रहा सब। Really proud of you मामा🙏🥰
बेहतरीन
बहुत बहुत बधाई हो जी
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