indiantopbligs.com

top hindi blogs

Sunday, October 17, 2010

मित्र के ब्लॉग सोत्डू पर एक पीस अच्छा लगा हूँ ब हूँ यहाँ दे रहा hoon

बॉसत्व एक भाव है.... स्थिति नहीं, पद नहीं.... भाव। कुछ लोग इसी भाव के साथ पैदा होते हैं (प्रोफेशन में)..... कुछ लोग उम्र गुज़ारने के बाद भी- पद पाने के बाद भी इस भाव को प्राप्त नहीं हो पाते.... कुछ जो ज़्यादा स्मार्ट होते हैं, मौका मिलते ही भाव को प्राप्त हो जाते हैं.... लेकिन ऐसे विरले ही होंगे जो पद न रहने पर इस भाव से मुक्ति पा जाएं.....
पहले भी सोचता रहा हूं- पिछले कुछ वक्त से ज़्यादा साफ़ दिख रहा है कि - अपन बॉस मटीरियल नहीं हैं। बॉसत्व प्राप्त लोगों से अपनी कभी अच्छी पटी भी नहीं.... कुछ मित्र भी बॉसत्व को प्राप्त हो गए हैं लेकिन वो तभी तक मित्र हैं जब तक उनके साथ काम न करना पड़े (एक के साथ करना पड़ा तो अब वो मित्र नहीं है)।
वैसे बॉसत्व की एक स्थिति को मैं भी प्राप्त हो गया हूं (करीब साल भर से) लेकिन भाव को प्राप्त नहीं हो पाया। अब भी मैं एक टीम लीडर ही हूं। वही टीम लीडर जो अमर उजाला में था (चाहे टीम दो-तीन आदमियों की क्यों न हो)। निश्चित काम, काम की निश्चित शर्तें और उसे डिलीवर करने का निश्चित समय। इन चीज़ों के साथ अपन ठीक रहे..... थोड़ी-बहुत जॉब सेटिस्फेक्शन भी मिलती रही। लेकिन बॉस के मन को पढ़ लेने की कला में अपन हमेशा ही पिछड़े रहे.... इसलिए करियर में भी पिछड़े ही रहे।
ये बात अब पुरानी हो गई है कि जिन्हें हम चूतिया कहते थे (काम के लिहाज से) वो आगे बढ़ते रहे..... अब वो इतने आगे बढ़ चुके हैं कि उन्हें चूतिया कहना दरअसल खुद बनना है। पहले तो समझ नहीं आता था अब साफ़ दिखता है.... काम करने वाला हमेशा काम ही करता रहेगा और तरक्की करने वाला तरक्की का रास्ता ढूंढ ही लेगा।
अभी कुछ वक्त पहले एक ने पूछा-
कहां हो
यहीं
मतलब काम कहां कर रहे हो
काम या नौकरी
मतलब
मतलब काम क्या और नौकरी कहां
अच्छा नौकरी कहां कर रहे हो
साधना न्यूज़ नोएडा
(मुझे पता था वो कहां है) तुम क्या कर रहे हो
वही जो हमेशा करते थे
मतलब- बकलोली
वो बुरा मान गया
लेकिन वो बॉस हो ही नहीं सकता जिसे बकलोली न आती हो..... बॉस से दबना और जूनियर्स को दबाना... ख़बर या अफ़वाह सही आदमी तक पहुंचाना.... बॉस के मूड के हिसाब से काम करना और सही वक्त पर सही आदमी चुनकर उसके लटक जाना..... इसके अलावा तरक्की का क्या कोई और नुस्खा है ?
अगर जानते हो तो मुझे भी बताना
साभार सोत्डू

No comments: