केवल
तिवारी
आंगन में खिले ये फूल
इनको तनिक निहारो तुम
बगिया को बुहारो तुम
घर का उपवन तुमने संवारा
अपनी खुशियों को भी वारा
छोटी सी बात न पकड़े तूल
क्यों सोचना हमने ऊल-जुलूल
छोटी सोच को करो संपादन तुम
जीवन का करो रसास्वादन तुम
परिवार को गेंदा फूल बनाया
हम सबको भी खूब समझाया
अपने लिए अब जीयो भरपूर
हर्षोल्लास का भी चमके नूर
समझो हमारी भावना को तुम
केवल, कार्तिक और धवल हो तुम
आंगन में खिले ये फूल
इनको तनिक निहारो तुम
बगिया को बुहारो तुम....


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