indiantopbligs.com

top hindi blogs

Thursday, April 13, 2023

सावधानी जरूरी, पर ऐसा भी होता है तो मान लेने में क्या हर्ज OTP my airtel और पांच हजार रुपये

केवल तिवारी

किस्सा बेहद रोचक है। रोचक किस्से से पहले बता दूं कि ये जो मोबाइल कंपनियां होती हैं, इनके छोटे-छोटे अक्षरों में लिखी शर्तें सब इनके मुताबिक होती हैं। आप में से अनेक लोगों को याद होगा कि ये लोग एक समय ये लोग सिम देते वक्त कहते थे 'life time free' यानी कॉल हमेशा आएंगी। बाद में पता चला कि अगर आपने रीचार्ज नहीं कराया तो आपके पास एसएमएस तक नहीं आएगा। एक बार तो ये कंपनियां मिस कॉल देने पर चार्ज लगाने वाले थे, वह तो भला हो कि कुछ कंपनियां आने से कंपटीशन बढ़ा। हालांकि फिर दो-एक कंपनियों ने मोनोपली की ओर कदम बढ़ाए हैं ताकि कंपनियां कम होंगी तो ग्राहक को आराम से लूटा जा सकेगा। कंपनियों में कंपटीशन होगा तो फायदा ग्राहक का होगा। खैर यह तो है मेरी इस बात की पृष्ठभूमि। मुद्दे पर आता हूं। दो माह पहले मेरा ड्राइविंग लाइसेंस की समयावधि खत्म हो रही थी। इसे दिल्ली से बनवाया था। मैंने मित्र सुरेंद्र पंडित को यह बात बताई। पंडित ने कहा कि मैं कहीं बाहर हूं, अमित से बात कर लो। अमित भी पत्रकार हैं और कई बार मददगार साबित होते हैं। मैंने फोन किया तो उन्होंने डिटेल मांगा, डाक्यूमेंट मांगे। मैंने व्हाट्सएप कर दिया। फिर अमित ने पूछा कि ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में मेरा जो मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है, उस पर ओटीपी OTP आएगा। मुझे ध्यान आया कि तब तो मेरे पास दिल्ली वाला नंबर था 9810 वाला (पूरा नंबर किसी की निजता का ध्यान रखते हुए नहीं दे रहा हूं) मैंने कहा वह नंबर तो रीचार्ज नहीं है और सिम भी कुछ दिन पहले निकाल रखा है। उन्होंने कहा नहीं उसे रीचार्ज कर लो। मैंने पत्नी की मदद से सिम तो ढूंढ़ लिया, लेकिन सही है या नहीं इसका पता कैसे लगे। मैंने online recharge करने के लिए नंबर डाला तो पता लगा कि इसका बिल तो पहले से भुगतान किया गया है। अगला बिलिंग साइकल अभी अगले महीने है। मुझे कुछ सूझा नहीं। फिर मैंने अपने मोबाइल पर उस नंबर को my airtel के नाम से सेव कर लिया। नंबर सेव करते ही व्हाट्सएप देखा तो उसमें  DP किसी बच्चे की लगी थी। मैंने उस नंबर पर कॉल किया तो किसी बिमल नाम के व्यक्ति ने उठाया। मैंने उन्हें अपना परिचय दिया और जल्दीबाजी में मैंने ओटीपी वाली बात भी बताई। जाहिर है आजकल फ्रॉड भी खूब चलता है। कोई व्यक्ति कैसे बता देगा कि ओटीपी आया है। फिर मैंने उन्हें तसल्ली दी और पूछा भी कि हो सकता है इस नंबर पर मेरे नाम से कॉल आते होंगे। उन्होंने बताया कि हां एयरटेल ने मुझे यह नंबर दिया है और आपके नाम से कई कॉल आते हैं। आखिरकार वह ओटीपी बताने के लिए राजी हो गये। यह दीगर है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ी और लाइसेंस बन गया। इसी बीच, एक शाम मेरे फोन पर घंटी बजी। मैं उस दिन अमृतसर में था। देखा तो मेरे उसी पुराने नंबर से कॉल आ रही है। मैंने बातची की तो उन्होंने पूछा, 'क्या आपका बैंक ऑफ बड़ौदा में अकाउंट है', 'हां', 'सर मेरे पांच हजार आपके अकाउंट में आ गए हैं।' मैंने बताया कि वह अकाउंट बहुत पुराना है। मैं चंडीगढ़ लौटकर खाता चेक कर लूंगा, आए होंगे तो लौटा दूंगा। उन्होंने प्लीज कहकर फोन रख दिया। इसके बाद उन्होंने मेरे बैंक की डिटेल भी भेज दी कि कहां अकाउंट है, वगैरह-वगैरह। असल में मेरे पास पैसे आने का कोई एसएमएस नहीं आया था। अगले दिन उनका फिर फोन आया। मैंने कहा बस मुझे एक घंटे का समय दीजिए। देखिए कम से कम ओटीपी के बहाने आपसे बात हुई थी जो इस वक्त काम आ गयी, वरना आप परेशानी में पड़ जाते। वह बोले मुझे बच्चे की फीस जमा करानी है। मैं तुरंत बैंक गया, बैंक मेरी कालोनी के बाहर ही है। पता लगा कि पांच हजार रुपये आए हैं। मैंने उस व्यक्ति से कोई दूसरा नंबर मांगा जिस पर पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हों। पहले दस रुपये भेजकर ताकीद की फिर शेष राशि उन्हें लौटा दी।
इस कहानी में मैंने कोई महान कार्य नहीं किया। या विस्तार से यह बताने का यह भी ध्येय नहीं कि मैं अपना गुणगान कर रहा हूं। असल में कई बार इस तरह के मसले सामने आएं तो हमें माधुर्य से बात कर लेनी चाहिए। वैसे फ्रॉड भी खूब होते हैं, चलिए यह किस्सा था मजेदार। इसलिए शेयर कर दिया।

No comments: