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Thursday, January 4, 2024

नया साल : उम्मीदें अपार, चुनौतियों की भरमार

साभार : दैनिक ट्रिब्यून

केवल तिवारी

नवीनता! उम्मीदें! चुनौतियां! संभावनाएं! आशंकाएं! यादें! सबक! राहें! मंजिलें! सफर! ब्रह्मांड के नियमानुसार बदलाव अवश्यंभावी। बदलाव हर दृष्टि से। कुछ स्वाभाविक और कुछ सप्रयास। बदलाव की बात है तो सबसे पहले नये साल की। 21वीं सदी का 24वां साल शुरू हो चुका है। यह साल पूरे विश्व में बड़े बदलावों का है। राजनीतिक। सामाजिक। आर्थिक। सर्जनात्मक, और भी बहुत कुछ। उसी तरह से जैसे कि कहा ही गया है, ‘बिना नवीनता के सुख कहां।’ यानी नवीनता है तो कुछ बदला-बदला सा है। कुदरती बदलाव क्या होंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन कुछ अच्छे होने की उम्मीदें तो बनी हैं और बनी रहनी चाहिए। बंपर फसल होने की उम्मीद है। कार्बन उत्सर्जन घटने की उम्मीद है। चांद-सितारों को छूने की उम्मीद है। महामारी से पार पाने की उम्मीद है। ‘वैश्विक उथल-पुथल’ कम होने की उम्मीद है। उम्मीद हैं तो चुनौतियों से भी नजरें कैसे फेरी जा सकती हैं। चुनौतियां भी अपार हैं। साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। आशंका है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कहीं ‘भस्मासुर’ न बन जाए। समय पर नहीं चेते तो रूस-यूक्रेन और इस्राइल-हमास जैसी स्थितियां कहीं और भी न बन जायें। खैर आशंकाओं के पनपने को ज्यादा तवज्जो क्यों देना, चलिए चर्चा इस पर करते हैं कि क्या होगा इसा साल और कैसी होंगी चुनौतियां।
78 देशों में चुनावी बयार
वर्ष 2024 को वैश्विक दृष्टिकोण से चुनावी साल कहना गलत न होगा। एक अनुमान के मुताबिक 78 देशों में किसी न किसी रूप में व्यापक स्तर पर चुनाव होंगे। बेशक, कुछ देशों में ये चुनाव महज औपचारिक रहेंगे, लेकिन ज्यादातर में लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनकर नयी सरकार का गठन करेंगे। जानकार तो कहते हैं कि इतने व्यापक स्तर पर चुनाव अब अगले 24 साल तक देखने को नहीं मिलेंगे। सबसे पहले तो भारत में ही आम चुनाव इसी साल प्रस्तावित हैं जो अप्रैल-मई के बीच होने की संभावना है। इसके बाद ब्राजील और तुर्किए जैसे कुछ स्थानों पर आम चुनाव नहीं होंगे, लेकिन निकाय चुनावों में पूरा देश भाग लेगा। जी20 देशों में भी ज्यादातर में इसी साल चुनाव हैं। साल की शुरुआत में ही भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान में चुनाव होने वाले हैं। बांग्लादेश में जनवरी और पाकिस्तान में फरवरी में ये चुनाव होने हैं। जाहिर तौर पर वहां के परिणामों का भारत पर भी असर पड़ेगा। उसके बाद भारत में चुनाव होंगे। यहां के परिणामों का असर भी पड़ोसी देशों के रिश्तों पर पड़ना स्वाभाविक है। फरवरी में ही इंडोनेशिया में चुनाव होने हैं। मई में दक्षिण अफ़्रीका में चुनाव होने हैं। यहां 1994 में रंगभेद की समाप्ति के बाद से इन चुनावों को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा अल्जीरिया, बोत्सवाना, चाड, कोमोरोस, घाना, मॉरिटानिया, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, रवांडा, सेनेगल, सोमालीलैंड, दक्षिण सूडान, ट्यूनीशिया और टोगो में भी चुनाव प्रस्तावित हैं। यूरोप के लिए भी यह साल चुनावी साल ही साबित होगा। फ़िनलैंड, बेलारूस, पुर्तगाल, यूक्रेन, स्लोवाकिया, लिथुआनिया, आइसलैंड, बेल्जियम, यूरोपीय संसद, क्रोएशिया, ऑस्ट्रिया, जॉर्जिया, मोल्दोवा और रोमानिया में भी लोग नयी सरकारों को चुनेंगे। सबसे बड़ी महाशक्ति के रूप में जाने जाने वाले अमेरिका में भी इसी साल चुनाव होने हैं। अमेरिका में साल के अंत तक चुनाव हो जाएंगे। 
भारत का शीर्ष न्यायालय करेगा कई बड़े फैसले
सर्दियों की छुट्टी खत्म होते ही भारत का सुप्रीम कोर्ट कई अहम मु्द्दों पर फैसला सुनाएगा। इनमें प्रमुख हैं इलेक्टोरल बॉण्ड, धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी, संपत्ति जब्ती, कुर्की के साथ-साथ सर्च करने का अधिकार, दिल्ली में सेवा अधिकार मामला, मुफ्त चुनावी वादे, अविवाहित महिला को सरोगेसी आदि। इसके अलावा कई अन्य मुद्दे भी सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन हैं जिनमें से कई स्वत: संज्ञान वाले हैं तो कुछ पर याचिकाएं डाली गयी हैं। 
नौ लंबे वीकेंड
घूमने-फिरने के शौकीनों के लिए इस बार नौ लंबे वीकएंड पड़ रहे हैं। यानी एक या दो दिन की छुट्टी लेकर वे निकल सकते हैं चार-पांच दिन घूमने के लिए। ऐसे ही कोई पारिवारिक कार्यक्रम भी इन छुट्टियों के हिसाब से तय कर सकता है। सोमवार से शुरू हो रहे नये साल में अनेक छुट्टियां शनिवार और इतवार के आगे या पीछे पड़ रही हैं। जैसे, लोहड़ी शनिवार को है तो सोमवार को मकर संक्रांति एवं पौंगल। गणतंत्र दिवस इस बार शुक्रवार को पड़ रहा है यानी आगे दो दिनों की छुट्टी। शिवरात्रि शुक्रवार 8 मार्च को है, होली सोमवार 25 मार्च को है, गुड फ्राईडे 29 मार्च को है, बुद्ध पूर्णिमा बृहस्पतिवार 23 मई को है, बकरीद सोमवार, 17 जून को है, स्वतंत्रता दिवस इस बार बृहस्पतिवार को पड़ेगा। जन्माष्टमी सोमवार 26 अगस्त को है, ईद उल मिलाद उन नबी सोमवार 16 सितंबर को है, राम नवमी शुक्रवार 11 अक्तूबर को है। दिवाली शुक्रवार 1 नवंबर को है। गुरु नानक जयंती शुक्रवार 15 नवंबर को है। इस तरह त्योहारों और अपनी छुट्टियों के हिसाब से लोग अपना छुट्टी कैलेंडर तैयार कर सकते हैं। 
शुभ मुहूर्त की 77 तिथियां
यूं तो हर दिन शुभ है, बस निर्भर करता है किसी के भाव और स्वभाव पर। फिर भी कुछ मांगलिक कार्य सनातन धर्मी शुभ मुहूर्त निकालकर करते हैं। गृह प्रवेश, जनेऊ, विवाह आदि जैसे कई शुभकार्य ज्योतिषीय गणना के हिसाब से मुहूर्त निकालकर किए जाते हैं। वैसे कुछ दिनों जैसे कि वसंत पंचमी, रक्षा बंधन आदि दिवसों पर लोग बिना मुहूर्त निकलवाए शुभ कार्य करते हैं। वैसे जानकारों के मुताबिक इस साल जनवरी में 10 दिन, फरवरी में 20 दिन, मार्च में 9 दिन, अप्रैल में 5 दिन, जुलाई में 8 दिन फिर अक्तूबर में 6 दिन, नवंबर में 9 दिन, दिसंबर में 10 दिन मांगलिक कार्य हो सकते हैं। 
खेलकूद के लिए भी खास है यह साल
खेलकूद की दृष्टि से भी यह साल बेहद खास है। पेरिस में ओलंपिक इसी साल जुलाई-अगस्त में होने हैं, इसके अलावा अनेक गेम्स के लिए यह वर्ष खास रहेगा। आइये जानते हैं कुछ मुख्य वैश्विक खेल कार्यक्रमों के बारे में। जनवरी में कतर में एशियन कप (फुटबॉल) प्रस्तावित है। इसी माह ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस मेलबर्न में होना है। क्रिकेट अंडर 19 का वर्ल्ड कप जनवरी-फरवरी में दक्षिण अफ्रीका में प्रस्तावित है। फरवरी में ही 6 देशों का रग्बी है। इसी माहवर्ल्ड टीम टेबल टेनिस चैंपियनशिप प्रस्तावित है। मार्च में टोक्यो मैराथन है। अप्रैल में कई देशों में चैंपियनशिप प्रस्तावित हैं। इनमें गोल्फ, स्नूकर एवं लंदन मैराथन शामिल हैं। मई में फुटबॉल की यूरोपियन लीग प्रस्तावित है। जून में जर्मनी में फुटबॉल मैच हैं। इनके अलावा कई देशों में क्रिकेट टूर्नामेंट होने हैं। इनमें महिला विश्वकप भी शामिल है। 
फिल्मी जगत के लिए भी अनूठा वर्ष
साल 2024, टीवी सीरियल्स एवं बॉलीवुड एवं हॉलीवुड में नयी फिल्मों के अलावा भारत की प्रादेशिक फिल्मों के लिए भी खास रहेगा। जनवरी में ही अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, प्रभास, दिशा पाटनी अभिनीत ‘प्रोजेक्ट के’ फिल्म रिलीज होने की संभावना है। इसी माह फिल्म फाइटर भी आ सकती है। इसमें भी दीपिका पादुकोण हैं। साथ में ऋतिक रोशन और अनिल कपूर का अभिनय है। इसी तरह फरवरी में आमिर खान की मोगुल रिलीज हो सकती है। इसी साल आने वाली अन्य फिल्मों में हेरा-फेरी 3, बड़े मियां छोटे मियां, सिंघम अगेन, वॉर 2, भूल भुलैया 3, मैं अटल हूं, योद्धा, कल्कि आदि हैं। इनके अलावा हॉलीवुड भी कुछ धमाकेदार मूवीज लेकर आने वाला है। इनमें कैप्टन अमेरिका: न्यू वर्ल्ड आर्डर, डेडपूल 3, आदि हैं।
हकीकत में निपटना होगा आभासी दुनिया से
नये साल में आभासी दुनिया और हावी होने जा रही है। हावी इस तरह से भी कि असली और नकली का फर्क ही समझ में नहीं आए। हालांकि सरकार ने डीपफेक जैसे मुद्दों पर कुछ कानूनी प्रक्रियाएं शामिल की हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। इसके साथ ही हम सबको सावधान भी रहना होगा। चैट जीपीटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी बड़ी चुनौतियां हैं। अहम मुद्दा यह है कि तकनीक का विकास चुनींदा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों में हुआ। सरकारों के पास सीमित संसाधन और क्षमताएं हैं। तकनीकी चुनौतियों के साथ ही इस्राइल-हमास युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध का मामला भी बहुत गंभीर है। ये युद्ध नियंत्रित नहीं हुए तो इसका असर और घातक प्रभावकारी हो सकता है। इसी तरह स्वास्थ्य का मामला है। कोविड का नया रूप फैल रहा है। हालांकि उसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा है, लेकिन बचाव के उपायों के प्रति सतर्कता बहुत जरूरी है। नयी शिक्षा नीति के अनेक किंतु-परंतु सामने आ रहे हैं। बच्चों को उसके लिए तैयार करना और अध्यापकों की विशेष ट्रेनिंग भी जोरशोर से चलानी होगी। साइबर क्राइम पर लगाम नहीं लग पा रही है। अनेक जागरूकता संदेशों के बावजूद लोग धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं।
चुनौतियों की भले ही भरमार लग  रही हो, लेकिन उम्मीदें और संभावनाएं भी कम नहीं हैं। जिम्मेदारी को समझते हुए, सजग रहते हुए नये साल में संभल-संभल कर पग धरेंगे तो निश्चित रूप से नये फलक पर विचरण के लिए कल्पनाओं को पंख लगेंगे और हर नयी डगर हकीकत के धरातल पर सकुशल आगे बढ़ेगी। अपने हिस्से की जिम्मेदारी को समझते हुए हर कोई कर्तव्य और अधिकार का संतुलन बनाए रखे तो यह परिवार, समाज के साथ देशहित में होगा।
साभार : दैनिक ट्रिब्यून

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